पिछले कुछ वर्षों में चुनावी प्रचार के तौर तरीकों में काफी बदलाव आया है पहले जहां राजनीतिक दल चुनाव जीतने के लिए जी तोड़ मेहनत करते थे वहीं तमाम उम्मीदवारऔरपार्टियों का इलेक्शन कैंपेन मैनेजमेंट, चुनावी मैनेजमेंट एजेंसीया संभाल रही है।
उत्तर प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनाव की डेड लाइन हाईकोर्ट ने तय कर दी है हाई कोर्ट के अनुसार 30 अप्रैल तक पंचायत चुनाव कराने के आदेश जारी किये गए हैं।
पंचायत चुनाव के खत्म होते ही उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियां जोरो पर होंगी, विधानसभा चुनावों में हमारी प्रमुख राजनीतिक दलों व नेताओं की ज्यादा महत्वपूर्ण भूमिका वोटरों से सीधे संपर्क करने की व वॉलंटियर्स और पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा डोर-टू-डोर कैम्पेन के माध्यम से अपने विचारों, पार्टी के क्रियाकलापों को मतदाता तक पहुँचाना प्रमुख रहेगा।
बता दें कि पहले चुनाव के समय नेता, कार्यकर्ता पदयात्रा या रैली के माध्यम से जनता के बीच पहुंचते थे। डोर टू डोर पहुंचकर अपने पक्ष में वोट मांगते थे। लेकिन आज के समय में डिजिटल मीडिया के वजह से जनता से जुडऩे का तरीका भी बदल गया है। अभी के समय में नेता मंच से ही कार्यक्रम की फोटो फेसबुक, वाट्सएप या अन्य सोशल मीडिया पर पोस्ट कर देते हैं। समर्थक उस पोस्ट को वायरल कर देते हैं और देखते ही देखते अपने क्षेत्र में प्रत्याशी की लोकप्रियता बढ़ जाती हैं। इतना ही नहीं सोशल मीडिया पर भी नेताजी काफी सक्रिय रहते हैं, ताकि जनता से उनका जुड़ाव और पब्लिसिटी बनी रहे।
आज के समय में चुनाव प्रचार हाईटेक हो गया है, आज के समय में पार्टी व प्रत्याशी की बात मतदाताओं तक पहुँचाने के लिए नुक्कड़ नाटक टीम, मोबाइल एल.ई.डी वेन, डॉक्यूमेंट्री फिल्म, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे फेसबुक, वॉट्सएप, यूट्यूब, प्रोमोशन मैसेज, वॉइस कॉलिंग, जनसभा और रैली की लाइव स्ट्रीमिंग, टीवी इंटरव्यू, इलेक्शन थीम सॉन्ग इत्यादि का सहारा लिया जा रहा है।
उत्तरप्रदेश विधानसभा 2022 चुनाव बेहद करीब हैं. ऐसे समय में हर दिन ही नहीं, बल्कि हर मिनट महत्व रखता है, जिसे देखते हुए पॉलीटिकल कंसल्टेंसी और मैनेजमेंट कंपनी लीडटेक, जिसे देशभर में लगभग 1000 से भी अधिक निर्वाचन क्षेत्रों में राजनीतिक रिसर्च और चुनाव प्रबंधन अभियान का अनुभव है, जिसने विधानसभा चुनावों में 12-15 प्रतिशत वोट स्विंग करने की रणनीति बनायीं है।
लीडटेक चुनाव पूर्व सर्वे, ओपिनियन पोल, डोर टू डोर कैंपेन, चुनावी रणनीति, चुनाव कैंपेन प्रबंधन, डिजिटल मीडिया टेक्नोलॉजी, सोशल मीडिया टेक्नोलॉजी के माध्यम से चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवारों को वोटरों से जुड़ने में सहायता करती है। बेहतर ग्राफ़िक्स और वीडियोज के जरिये जनता को आकर्षित करती है। अपनी लाइव स्ट्रीम तकनीक और उम्मीदवार का सोशल मीडिया के माध्यम से सीधा संवाद करवाकर उम्मीदवार को चुनाव में मजबूती देने का कार्य करती है।